written by khatabook | July 3, 2021

नया जीएसटी रिटर्न एक अवलोकन

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दिसंबर 2018 में जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक में करदाताओं के लिए जीएसटी रिटर्न फॉर्म को संशोधित किया गया है। जीएसटी की नई रिटर्न प्रणाली सभी जीएसटी करदाताओं के लिए आसान फाइलिंग के लिए सरल फॉर्म लेकर आई। अब केवल 1 रिटर्न, अर्थात् GST RET-1 दो अनुलग्नकों (annexure) के साथ GST ANX-2 और GST ANX-1, को हर महीने GST देय तिथियों के भीतर दाखिल करने की आवश्यकता है। कंपोजिशन स्कीम के तहत 1.5 करोड़ रुपये की टर्नओवर सीमा को बढ़ाकर 5 करोड़ कर दी गई है। अब आप नई रिटर्न योजना के तहत तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प भी चुन सकते हैं।

नया जीएसटी रिटर्न

रिटर्न दाखिल करने के लिए मुख्य GST फॉर्म GST RET-1 होगा। इसमें सभी सप्लाई, इनपुट टैक्स क्रेडिट और ब्याज विवरण के साथ कर भुगतान शामिल हैं। फॉर्म में दो और अन्य फॉर्म हैं, GST ANX-2 और GST ANX-1।

  • GST ANX-1 में सभी आउटवार्ड सप्लाई का विवरण और रिपोर्ट आउटवार्ड सप्लाई, इनवार्ड सप्लाई पर रिवर्स चार्ज, सेवाओं या इंपोर्टेड गुड्ज़ आदि, बिल के अनुसार रियल टाइम में शामिल होंगे। इसमे B2C सप्लाई शामिल नहीं है।
  • GST ANX-2, इनवार्ड सप्लाई को  रिपोर्ट करने के लिए नया फॉर्म है, जिसमें अधिकांश विवरण सप्लायर द्वारा नियमित रूप से अपलोड किए गए GST ANX-1 से स्वतः भरे हुए होते हैं। सप्लाई प्राप्त करने वाले प्राप्तकर्ता ऑटो-पॉपुलेटेड दस्तावेज़ों से रियल टाइम डिटेल्स (real-time details) का उपयोग कर सकते है।

पुराना जीएसटी रिटर्न बनाम नया जीएसटी रिटर्न प्रणाली

पुराना जीएसटी रिटर्न प्रणाली

जीएसटी की नई रिटर्न प्रणाली

पिछले वित्त वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर तक सीमित करदाताओं को छोटा करदाता के रूप मे परिभाषा किया गया और इस सीमा से ऊपर के लोगों को बड़े करदाता के रूप में माना जाता था।

नई प्रणाली उन सभी करदाताओं को छोटे करदाताओं के रूप में मानती है, जिनका पिछले वित्त वर्ष में 5 करोड़ से कम का वार्षिक टर्नओवर है। बड़े करदाता वे हैं, जिनका टर्नओवर इस सीमा से अधिक है।

पुराने सिस्टम में करदाता श्रेणियों जैसे GSTR-1, GSTR-7, GSTR-6, GSTR-5, GSTR-4, आदि के आधार पर उनसे कई रिटर्न फॉर्म मांगे जाते थे।

नई प्रणाली में एक मुख्य जीएसटी जिसका नया रिटर्न फॉर्मैट है जिसे सरल बनाया गया है और इसे GST RET-1 कहा जाता है। रिटर्न में दो फॉर्म GST ANX-1 और GST ANX-2 संलग्न हैं, जो सभी जीएसटी करदाताओं के लिए अनिवार्य हैं।

चालान को अपलोड करने के पहले बिज़नेस आउटवार्ड सप्लाई रिटर्न को फाइल कर देते थे।  

नई प्रणाली रीयल-टाइम में निरंतर रेविन्यू चालान (revenue invoice) अपलोड करने की सुविधाएं प्रदान करती है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट की सेल्फ डिक्लेरेशन करना क्रेडिट का क्लेम करने का आधार थी।

नई प्रणाली स्वचालित रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रदान करने के लिए अपलोड किए गए सप्लायर के चालान पर निर्भर करती है, जो की  व्यवसाय अब रियल टाइम (real-time basis) के आधार पर क्लेम  कर सकते हैं।

आप केवल अगले रिटर्न में अमेंडमेंट, मिसिंग इन्वाइस आदि दाखिल कर सकते थे।

अमेंडमेंट और चालान जो मिसिंग हैं, उन्हें अमेंडमेंट रिटर्न (Amendment Return) के माध्यम से आसानी से शामिल किया जा सकता है।

करदाताओं को जीएसटी पंजीकरण पेंडिंग होने तक और आधिकारिक क्लोजर रिपोर्ट जारी होने तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता थी।

पंजीकरण का निलंबन एक करदाता के पंजीकरण को रद्द करने के आवेदन पर होता है। कैंसिलेशन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए वेटिंग पीरियड (waiting period) में कोई रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।

नए जीएसटी रिटर्न की ओर जाना 

जुलाई 2019 से सरकार ने कई चरणों में जीएसटी की नई रिटर्न प्रणाली की कोशिश की। जुलाई से सितंबर 2020 की अवधि के दौरान, छोटे करदाताओं को जीएसटी रिटर्न देय तिथियों के भीतर GSTR-3B और GST रिटर्न दाखिल करना था। बड़े करदाताओं को अक्टूबर से जीएसटी GST ANX-1 और नवंबर तक GSTR-3B दाखिल करना था। छोटे करदाताओं ने PMT-08 में GST कर का भुगतान किया, जो पुराने GSTR3B को रिप्लेस करता है।

नए जीएसटी रिटर्न यूटिलिटी टूल का ऑफलाइन डेमो:

GSTN या GSTनेटवर्क पोर्टल में नई जीएसटी प्रणाली के तहत रिटर्न तैयार करने और फाइल करने के लिए यह एक नया वेब-आधारित ऑफलाइन टूल है। यह टूल व्यवसायों को आसानी से फॉर्म भरने में मदद करता है। वे ऑटो-पॉप्युलेटेड इनवार्ड सप्लाई  को वेरीफाई करने के लिए इन्वाइस अपलोड, ड्रॉप-डाउन मेनू सिलेक्शन ऑप्शन, इनवार्ड सप्लाई, खरीद आदि जैसी कई कार्यक्षमताओं (फंक्शनलिटीज) का उपयोग कर सकते हैं। यह असेसी (assessee) को फीडबैक देने की भी अनुमति देता है। यह टूल को अधिक प्रभावी बनाता है और उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव प्रदान करता है।

नई जीएसटी रिटर्न प्रणाली में बदलाव:

नई रिटर्न प्रणाली में बदलाव:

  • GSTIN के स्तर पर अब सभी RCM सप्लाई के लिए जिम्मेदार को GST ANX-1 में डिक्लेर करते हुए प्राप्तकर्ताओं द्वारा अब इनवार्ड सप्लाई की सूचना दी जाती है।
  • HSN या हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेंक्लेचर का उपयोग रिपोर्टिंग आधार के रूप में टर्नओवर का उपयोग करके दस्तावेज़ स्तर के विवरण को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। इसलिए अब एक अलग HSN समरी फॉर्म की आवश्यकता नहीं है।
  • अब आपको GST ANX-1 में RCM (रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म) के तहत B2B सप्लाई फाइल करने की जरूरत नहीं है जैसा कि पहले पुराने GST रिटर्न फॉर्म में किया गया था। हालाँकि, GST RET-1 में अभी भी कुल राशि( total amount) की आवश्यकता होगी।
  • उपयोगकर्ता GST ANX-2 से HSN कोड प्राप्त कर सकता है, जहां सप्लायर को अपने HSN कोड का उल्लेख करना होगा।
  • B2C-L के रूप में मानी जाने वाली सप्लाई पूरी तरह से हटा दी गई है। इसके बजाय, 5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे करदाता तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिसकी पहले सीमा 1.5 करोड़ रुपये की थी।  
  • व्यवसाय किसी भी मिसिंग इनवॉइस की रिपोर्ट करने के लिए इनवॉइस स्तर की रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। इसका मतलब है कि T 2 अवधि के लिए अपलोड किए गए चालानों के कॉरेस्पोंडिंग मिसिंग इनवॉइस अब रिपोर्ट और अपलोड किए जा सकते हैं।

नए जीएसटी रिटर्न सिस्टम में चालान को अपलोड करना 

कई नए नियम और प्रक्रियाएं इनवॉइस अपलोड प्रक्रिया का हिस्सा हैं।

मिसिंग चालान:

यदि कोई सप्लायर डेबिट नोट या चालान अपलोड नहीं करता है, तो माल प्राप्त करने वाला आईटीसी का दावा कर सकता है। इनवॉइस या नोट को मिसिंग इनवॉइस कहा जाएगा। सप्लायर को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर चालान विवरण फाइल और अपलोड करना होता है। अन्यथा, ऐसा करने में विफल होने पर प्राप्तकर्ता को मिसिंग इन्वाइस पर आईटीसी वसूली के लिए उत्तरदायी बनाती है। इस प्रकार, अगर  प्राप्तकर्ता आईटीसी का दावा करता है, तो आपको सप्लायर के मिसिंग चालान की रिपोर्ट करनी होगी, जिसमें विफल होने पर नए जीएसटी नियमों के तहत प्राप्तकर्ता से क्रेडिट की हुई आईटीसी की वसूली की जा सकती है।

चालान को लॉक करना (इनवॉइस लॉकिंग) :

सप्लाई प्राप्त करने वाला प्राप्तकर्ता इनवॉइस को लॉक कर सकता है, जिसका अर्थ है कि प्राप्तकर्ता रिपोर्ट किए गए इनवॉइस डिटेल्स से सहमत है। हालांकि इनवॉइस की मात्रा आम तौर पर बड़ी होती है, इसलिए जीएसटी के नए फॉर्म भरने के लिए सभी चालानों को कम समय में वेरीफाई करना मुश्किल होता है। इस प्रकार, प्रत्येक इनवॉइस को अलग-अलग लॉक करने के बजाय आप इनवॉइस को लॉक करने के लिए ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। इन चालानों को प्राप्तकर्ता द्वारा न तो माल के प्राप्तकर्ता द्वारा पेंडिंग और न ही रीजेक्शन के रूप में अपलोड किया जाता है।

चालान को अनलॉक करना (इनवॉइस अनलॉकिंग)

जब भी प्राप्तकर्ता द्वारा किसी इनवॉइस पर ITC का दावा किया जाता है, तो इनवॉइस स्वयं एक लॉक किया हुआ नया GST रिटर्न इनवॉइस बन जाता है, जिसे वह संशोधित नहीं कर सकता। यदि कोई चालान गलत तरीके से या गलती से रिपोर्ट किया गया है, तो आप लॉक किए गए चालान को बदल सकते हैं। हालांकि, सप्लायर को क्रेडिट/डेबिट नोट को जेनरेट और रिपोर्ट करने और चालानों को अनलॉक करने के लिए आईटीसी क्लेम को कम (reduce) करने की आवश्यकता है। किसी भी इनवॉइस की लॉक की गई स्थिति को रीवर्स करने के बाद हमेशा आईटीसी क्लेम रिवर्सल की पुष्टिकरण रिपोर्ट आती है।

लंबित चालान (पेंडिंग इनवॉइस):

कभी-कभी विभिन्न कारणों से चालानों को लंबित चालानों के रूप में रखा जाता है। ऐसे चालान सप्लायर द्वारा अपलोड कर दिए जाते हैं, जिनका निम्नलिखित विशेष कारणों में से एक या अधिक कारण हो सकते हैं। जीएसटी के नए रिटर्न में इन्वाइस डिफेक्ट निम्नलिखित कारण से हो सकते हैं, जैसे-

  • प्राप्तकर्ता सप्लाई प्राप्त नहीं कर रहा है।
  • इनवॉइस में प्राप्तकर्ता द्वारा संशोधन के लिए कहा गया हो।
  • विभिन्न कारणों से अस्थायी रूप से प्राप्तकर्ता द्वारा आईटीसी का लाभ नहीं उठाया जाना।

ऐसे चालानों को पेंडिंग चालान के रूप में भी जाना जाता है और कई इनवॉइस का एक बैच बनता हैं, जिनके खिलाफ कोई आईटीसी दावा नहीं होता।

अस्वीकृत चालान (रिजेक्टेड इनवॉइस)

मान लीजिए कि सप्लायर नए जीएसटी रिटर्न फॉर्मैट में प्राप्तकर्ता के GSTIN को दर्ज करने में गलती करता है। प्राप्तकर्ता को ऐसे चालानों पर आईटीसी का दावा करने की अनुमति नहीं है।

  • गलत तरीके से चिह्नित चालान के प्राप्तकर्ता को तुरंत खारिज कर दिया जाना चाहिए और रिपोर्ट किया जाना चाहिए। ऐसे अस्वीकृत चालानों की परेशानी मुक्त अस्वीकृति और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए व्यवसाय गुड्ज़ के प्राप्तकर्ताओं की एक मास्टर सूची बनाने के लिए एक मैचिंग आईटी टूल का उपयोग कर सकता  हैं।
  • विक्रेता मास्टर सूची ( seller master list) की तुलना सही GSTIN नंबर के साथ चालान को पहचानने और ठीक करने के लिए की जाती है।

आईटीसी- नए जीएसटी रिटर्न सिस्टम में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा

आईटीसी का दावा और क्रेडिट का प्राप्त करना सप्लायर पर अगले महीने की 10 तारीख तक डेबिट नोट या चालान अपलोड करने पर निर्भर करता है। प्राप्तकर्ता ऐसे चालानों को देख सकता है और ट्रैक भी कर सकता है।

  • जब सप्लायर एक सही चालान या क्रेडिट/डेबिट नोट जारी नहीं करता है, तो माल प्राप्त करने वाला इसके लिए भुगतान करने और आईटीसी रिफंड का दावा करने के लिए उत्तरदायी होता है। क्लेम प्राप्तकर्ता की आईटीसी टेबल में रिफ्लेक्ट होता है, जो इस तरह की एक इन्क्लूसिव रिपोर्ट अगले महीने की 11 तारीख तक दर्ज करता है, जिसमें इस तरह के चालान की सूचना दी जाती है।
  • ध्यान दें कि इनवॉइस को सप्लायर और प्राप्तकर्ता दोनों लगातार देख सकते हैं। आपूर्तिकर्ता को अगले महीने की 10 तारीख से पहले इस पर कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसा न करने पर प्राप्तकर्ता इन चालानों को आईटीसी दावे के साथ अगले महीने की 11 तारीख को रिटर्न में दाखिल कर सकता है। यह उसके बाद प्राप्तकर्ता के आईटीसी क्लेम टेबल में दिखाई देगा।
  • किसी भी आपूर्तिकर्ता द्वारा महीने की 10 तारीख के बाद अपलोड किए गए सभी चालान अगले महीने के लिए प्राप्तकर्ता के रिटर्न में पोस्ट कर दिए जाते हैं।

नई जीएसटी रिटर्न प्रणाली के तहत रिटर्न में संशोधन:

नई प्रणाली एक असेसी/करदाता को प्रत्येक कर अवधि में 2 संशोधित रिटर्न (amended returns) बनाने की भी अनुमति देती है। करदाता इस तरह का भुगतान करते समय संशोधित रिटर्न का उपयोग कर सकते हैं, इसलिए वे ब्याज और विलंब शुल्क के मामले में कोई दायित्व का वहन नहीं करते हैं।

  • ECL या इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर प्रासंगिक जीएसटी रूपों और संशोधित रिटर्न के साथ भुगतान करते समय उपयोग किए गए दावों में आईटीसी क्रेडिट को दर्शाता है। आप संशोधन रिटर्न के माध्यम से निम्नलिखित अवधि में ऐसे चालानों की रिपोर्ट करके मिसिंग इन्वाइस में संशोधन कर सकते हैं।
  • ध्यान दें कि यदि प्राप्तकर्ता द्वारा पावती मौजूद है या चालान लॉक है, तो चालान संशोधन संभव नहीं है।
  • लॉक किए गए इनवॉइस में निर्दिष्ट किसी भी मूल्य को बदलने के लिए आपको आपूर्तिकर्ता से क्रेडिट/डेबिट नोट की आवश्यकता होगी।
  • आपूर्तिकर्ता ऐसे चालान को अनलॉक करने में प्राप्तकर्ता की सहायता मांग सकता है जिसे आप संशोधन रिटर्न के माध्यम से ठीक कर सकते हैं।
  • ध्यान दें कि जब तक प्राप्तकर्ता की ओर से चालान के खिलाफ कोई आईटीसी दावा नहीं हो, तब तक जीएसटी के लिए चालान में संशोधन करना संभव है।

निष्कर्ष

अंत में, जीएसटी अधिनियम और नई जीएसटीआर प्रणाली के तहत रिटर्न उपयोगकर्ता के अनुकूल और करदाताओं के लिए सहायक हैं। नए जीएसटी रिटर्न के विभिन्न पहलुओं को जल्दी से समझने में आपकी मदद करने के लिए बहुत सारे जीएसटी रिटर्न फॉर्मैट वीडियो हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: फॉर्म ANX-1A क्या है?

उत्तर:

फॉर्म ANX-1A का उपयोग फॉर्म ANX-1 में पिछली बार अपलोड किए गए डिटेल्स में संशोधन (amendments ) करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न: फॉर्म RET-1 में ऑटो-पॉपुलेटेड डिटेल्स का स्रोत क्या है?

उत्तर:

आपके द्वारा पहले फॉर्म ANX-1 और फॉर्म ANX-2 में जमा की गई जानकारी फॉर्म RET-1 में ऑटो-पॉप्युलेट हो जाती है।

प्रश्न: क्या मैं SMS के जरिए फॉर्म RET-1 फाइल कर सकता हूँ?

उत्तर:

शून्य रिटर्न (nil return) की स्थिति में आप केवल SMS  के माध्यम से फॉर्म RET-1 दाखिल कर सकते हैं।

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