उत्पादों या सेवाओं की सप्लाई के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 31 के अनुसार, टैक्स चालान को जेनरेट करने की आवश्यकता होती है। फिर भी कुछ लेन-देन को सप्लाई नहीं माना जाता है, भले ही उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए परिवहन (ट्रांसपोर्टेशन) की आवश्यकता हो। इन मामलों में आपको डिलीवरी चालान की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए:
- माल को एक स्थान पर ले जाया जाता है और फिर काम पूरा होने के बाद अपने मूल स्थान पर वापस आ जाता है।
- एक ही राज्य के भीतर एक शाखा से दूसरी शाखा में गुड्ज़ की आइटम को भेजना
डिलीवरी चालान क्या है?
यह एक दस्तावेज़ (डॉक्यूमेंट) है, जिसका उपयोग उत्पादों (प्रोडक्ट) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है। परिवहन के परिणामस्वरूप बिक्री हो भी सकती है और नहीं भी। यह डिलीवरी चालान माल के साथ डिलीवरी के लिए भेजा जाता है।
इसमें निम्न चीजों का विवरण होते है:
- शिप किए गए आइटम का विवरण
- डिलिवर किए गए उत्पादों की मात्रा
- डिलीवरी का पता
- खरीददार का पता
टैक्स चालान और डिलीवरी चालान के बीच अंतर
टैक्स चालान |
डिलीवरी चालान |
एक टैक्स चालान किसी विशेष प्रोडक्ट की मूल्य बताता है। |
डिलीवरी चालान में आमतौर पर ऐसा मूल्य शामिल नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी प्रोडक्ट का मूल्य शामिल हो सकता है। |
यह वस्तुओं और सेवाओं के मलिकानाहक का कानूनी प्रमाण है। |
यह बताता है कि ग्राहक ने माल की प्राप्ति (रिसिप्ट) को स्वीकार कर लिया है। हालांकि यह कोई लीगल ओनरशिप नहीं दिखाता है। |
बिक्री होने पर दिया गया एक दस्तावेज़। |
प्रोडक्ट के विवरण, स्थिति और राशि को ध्यान में रखते हुए वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए इसका सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, हालांकि हमेशा बिक्री हो जरूरी नहीं है। |
यह वस्तुओं का वास्तविक मूल्य बताता है। |
यह आइटम के वास्तविक मूल्य को प्रदर्शित नहीं करता है। डिलीवरी चालान में डिलीवरी चालान पर दिए गए प्रोडक्ट का मूल्य शामिल हो सकता है, लेकिन इसमें दिया जाने वाला टैक्स शामिल नहीं होगा। |
डिलीवरी चालान की प्रतियां (कॉपी)
सीजीएसटी नियमों के नियम 55(2) के अनुसार, डिलीवरी चालान के लिए बनाई गई प्रतियों के प्रकार निम्नलिखित हैं:
डिलीवरी चालान का प्रकार |
किसके लिए बनाया गया? |
असली |
खरीददार के लिए बनाया गया |
नकली |
ट्रांसपोर्टर के लिए बनाया गया |
तीसरीप्रति |
विक्रेता के लिए बनाया गया |
डिलीवरी चालान का फॉर्मेट
दस्तावेज़ क्रम मे होते हैं और सोलह वर्णों (कैरेक्टर) से अधिक होते हैं। प्रत्येक डिलीवरी चालान फॉर्मेट में निम्नलिखित जानकारी शामिल है:
- डिलीवरी चालान की तारीख और नंबर।
- यदि कंसाइनर यानि की माल भेजने वाला, जो की एक व्यक्ति या पार्टी है, जो किसी अन्य पार्टी की ओर से माल बेचने के लिए सामान लाता है और वह पंजीकृत है, तो उसका नाम, पता और GSTIN इसमे शामिल होता है।
- अगर कंसाइनी, जिस पार्टी को कंसाइनर द्वारा माल बेचा जाता है, वह पंजीकृत है, तो उसका नाम, पता और GSTIN या यूनिक आइडेंटिटी नंबर शामिल करें और अपंजीकृत होने पर नाम, पता और सप्लाई का स्थान।
- आइटम का HSN कोड।
- माल का विवरण।
- डिलिवर किए गए प्रोडक्ट की संख्या (जब डिलिवर की जाने वाली सही मात्रा ज्ञात हो)।
- सप्लाई का मूल्य जिस पर टैक्स लगता है।
- जहां ट्रांसपोर्टेशन कंसाइनी को माल की सप्लाई के लिए है,तो जीएसटी की दर और राशि को CGST, SGST, IGST और GST Cess के रूप में विभाजित किया जाना चाहिए।
- वस्तुओं के इन्टरस्टेट ट्रांसपोर्ट के मामले में सप्लाई का स्थान महत्वपूर्ण है।
- हस्ताक्षर।
आपको डिलीवरी चालान की आवश्यकता कब होती है?
सीजीएसटी नियमों की धारा 55(1) उन घटनाओ की रूपरेखा तैयार करती है, जब कोई सप्लायर इन्वाइस के बजाय डिलीवरी चालान जारी कर सकता है। वह इस प्रकार हैं:
- जब डिलीवर की गई वस्तुओं की संख्या अज्ञात हो: जैसे की तरल गैस की डिलीवरी के मामले में जब सप्लायर के स्थान से निकाली गई गैस की मात्रा अज्ञात होती है।
- जब प्रोडक्ट को जॉब वर्क के लिए ले जाया जाता है, तो डिलीवरी चालान निम्नलिखित में से किसी भी स्थिति में आवश्यक होती है:
- प्रिंसिपल ने जॉब वर्कर को माल भेजा।
- एक जॉब वर्कर आइटम को दूसरे जॉब वर्कर को भेजता है।
- जॉब वर्कर जब प्रिंसिपल को सामान लौटाता है।
- जब प्रोडक्ट को सप्लाई के लिए तैयार करने से पहले कारखाने से गोदाम या एक गोदाम से दूसरे गोदाम में ट्रांसफार किया जाता है।
डिलीवरी चालान जारी करने के अन्य मामले
इसके अलावा, ऐसे मामले हैं, जहाँ ट्रांसपोर्ट किए गए माल के लिए डिलीवरी चालान जारी कर सकते है। वो हैं:
अप्रूवल (approval) के आधार पर माल को ट्रांसपोर्ट करना:
- जब एक इन्टर या इंट्रा स्टेट प्रोडक्ट का ट्रांसपोर्ट बिक्री या वापसी के आधार (sale or return basis) पर होता है, लेकिन सप्लाई होने से पहले इसे वापस ले लिया जाता है।
'वर्क ऑफ आर्ट' को गैलेरी तक ले जाना:
- कलाकृतियों को प्रदर्शनी के लिए गैलेरी में ले जाया गया और फिर वापस लाया गया
माल को प्रचार या प्रदर्शनी के लिए विदेश भेजा गया :
- यह सीबीआईसी सर्कुलर नंबर 108/27/2019-जीएसटी दिनांक 18 जुलाई, 2019 के अनुसार है।
- प्रदर्शन या प्रचार उद्देश्यों के लिए भारत के बाहर भेजे गए आइटम को "सप्लाई " या "निर्यात" नहीं माना जाता है।
- इसलिए इसे डिलीवरी चालान का उपयोग करके ट्रांसपोर्ट किया जाना चाहिए।
कई शिपमेंट में डिलीवर किया गया माल
- जब माल को आंशिक रूप से या पूरी तरह से निर्मित अवस्था में शिपिंग के कई साधनों का उपयोग करके ट्रांसफर किया जाता है:
- पहली खेप भेजने से पहले, सप्लायर को एक विस्तृत चालान जमा करना होगा।
- प्रत्येक बाद की खेप के लिए, सप्लायर को एक डिलीवरी चालान जमा करना होगा जिसमें इनवॉइस रेफरेंस शामिल हो।
- प्रत्येक खेप के साथ उचित डिलीवरी चालान और चालान की प्रतियां होनी चाहिए।
- चालान की मूल प्रति डिलीवरी चालान की मूल प्रति के साथ होनी चाहिए।
जब माल की डिलीवरी के समय टैक्स इन्वाइस प्रस्तुत करना असंभव हो
- यदि बिक्री या सप्लाई के दौरान टैक्स इन्वाइस जारी करना असंभव है, तो सप्लायर माल के ट्रांसपोर्ट के लिए डिलीवरी चालान प्रस्तुत कर सकता हैं।
- यह सीजीएसटी और एसजीएसटी नियम, 2017 के नियम 55(4) के अनुसार है।
- सप्लायर प्रोडक्ट की डिलीवरी के बाद टैक्स चालान दे सकता है।
जब ई-वे बिल आवश्यक न हो
- इस मामले में, ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होने पर सप्लायर डिलीवरी चालान जारी करता हैं।
- इस मामले में, टैक्स इन्वाइस या बिल ऑफ सप्लाई (Bill of Supply) की भी आवश्यक नहीं है।
- यह सीजीएसटी नियमों के नियम 55 A के अनुसार है, जो 23 जनवरी, 2018 से लागू हुआ।
किन व्यवसायों को डिलीवरी चालान की आवश्यकता है?
हमने कई उदाहरणों पर चर्चा की है, जहाँ सप्लायर को कर चालान के बजाय डिलीवरी चालान की आवश्यकता होती है। जिन व्यवसायों को अपने संचालन के लिए इन डिलीवरी चालानों की आवश्यकता होती है, वे हैं:
- ट्रेडिंग बिजनेस
- ऐसी कंपनियाँ जिनके पास कई वेयरहाउस हैं, जहाँ आइटम वेयरहाउस के बीच ट्रांसपोर्ट होता है।
- गुड्ज़ की सप्लाई करने वाले बिजनेस
- मैन्यूफैक्चरर
- थोक व्यापारी
एक्सेल और वर्ड टेम्प्लेट में जीएसटी डिलीवरी चालान फॉर्मेट का कंटेन्ट क्या है?
एक्सेल में जीएसटी डिलीवरी चालान फॉर्मेट में पाँच सेक्शन हैं:
सेक्शन 1: हेडर
- कंसाइनी की जानकारी वाला अनुभाग।
- ट्रांसपोर्ट की जानकारी वाला अनुभाग
- प्रोडक्ट की जानकारी वाला अनुभाग।
- हस्ताक्षर के लिए अनुभाग।
सेक्शन |
विवरण |
हेडर सेक्शन |
हेडर अनुभाग में इस तरह की जानकारी होगी:
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कंसाइनी के विवरण का सेक्शन |
ट्रांसपोर्ट के संदर्भ में कंसाइनी वह व्यक्ति है, जो कार्गो प्राप्त करता है। इस अनुभाग में कंसाइनी की जानकारी होगी जैसे:
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ट्रांसपोर्ट विवरण का सेक्शन |
इस खंड में ट्रांसपोर्ट का विवरण शामिल हैं जैसे:
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प्रोडक्ट विवरण का सेक्शन |
इस खंड में प्रोडक्ट का विवरण है, जो इस प्रकार है:
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हस्ताक्षर और टिप्पणी सेक्शन |
इस खंड में शामिल हैं:
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वर्ड में डिलीवरी चालान फॉर्मेट का कंटेन्ट
वर्ड टेम्प्लेट में डिलीवरी चालान फॉर्मेट की जानकारी एक्सेल फॉर्मेट के समान है। डिलीवरी चालान में सटीक लेनदेन सुनिश्चित करते हुए डिसपैच की जानकारी शामिल होती है।
डॉक्यूमेंट में निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए:
- डिलीवरी चालान का क्रमांक
- डिसपैच की तिथि
- खरीद का ऑर्डर नंबर
- HSN/SAC कोड
- ग्राहक की जानकारी
- उत्पादों का विवरण
- सेल्स टैक्स
- अन्य शुल्क
- कुल राशि
- दस्तावेज़ की समीक्षा करने के बाद, प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है।
बिजनेस एक्सेल और वर्ड फॉर्मेट में डिलीवरी चालान को स्वतंत्र रूप से डाउनलोड कर सकता हैं। चूँकि तीन कॉपी आवश्यक हैं, सप्लायर हर बार दस्तावेज़ की तीन कॉपी बनाता है।
GST के तहत जॉब वर्क के लिए माल को भेजा गया
- प्रिंसिपल - जीएसटी करदाता जिनके उत्पादों का उपयोग जॉब वर्क प्रक्रिया के दौरान किया जाता है।
- एक जीएसटी-पंजीकृत व्यक्ति जॉब वर्कर को जॉब वर्क करने के लिए कच्चा माल, कैपिटल गुड या आधा तैयार हुआ (semi-finished) आइटम डिलीवर कर सकता है।
- जो व्यक्ति काम के लिए सामग्री (materials) भेजता है, उसके पास जीएसटी का भुगतान करने या जीएसटी का भुगतान नहीं करने का विकल्प होता है।
प्रोसेस्ड गुड्स (processed goods) को समय पर वापस लाना
- जॉब वर्क की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, प्रिंसिपल जो जॉब वर्क प्रोसेस के लिए सामग्री प्रदान करता है, वह आइटम को उनके स्थान पर वापस कर सकता है।
- इसके अतिरिक्त, वे इन चीजों की सप्लाई सीधे अपने अंतिम उपभोक्ता, जिसमें निर्यात भी शामिल है ,को जॉब वर्कर के स्थान से सप्लाई कर सकता हैं।
- इनपुट के मामले में, वस्तुओं को एक वर्ष के भीतर जॉब वर्कर के परिसर से किसी और को सप्लाई करना होगा या वापस अपने पास लाना होगा।
- मोल्ड और डाई ( moulds and dye) को छोड़कर कैपिटल गुड्ज़ जैसे कि जिग्स और फिक्स्चर (jigs and fixtures) या टूल्स तीन साल के भीतर जॉब वर्कर के परिसर में उपलब्ध कराए जाएंगे या वापस कर दिए जाएंगे।
प्रिंसिपल के ऊपर लायबिलिटी
- जॉब वर्क के लिए प्रदान की गई वस्तुओं का ट्रैक रखना और GST गाइडलाइंस के अनुसार, उन्हें वापस करना प्रिंसिपल की जिम्मेदारी है।
- यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो एक सामान्य नियम के के हिसाब से, वस्तुओं को जॉब लेबर मे जैसे सप्लाई होती है, वैसा ही माना जाएगा।
- वे माल के लिए कुल राशि का भुगतान करने के लिए जवाबदेह होंगे।
- एक जॉब वर्कर के स्थान से अंतिम ग्राहक को सप्लाई किए गए सामान को प्रिंसिपल से सप्लाई के रूप में गिना जाता है।
जॉब वर्क डिलीवरी चालान
- जीएसटी के तहत जॉब वर्क चालान डाउनलोड करने के बाद प्रिंसिपल सामान को जॉब वर्क प्रोसेसिंग के लिए भेज सकते हैं।
- चालान फॉर्मेट जीएसटी नियमों के अनुसार तैयार किया जाता है।
- जीएसटी में डिलीवरी चालान फॉर्मेट एक्सेल में भरा और डाउनलोड किया जाता है।
- दस्तावेज़ GSTR 4 रिटर्न के लिए रिकॉर्ड रखने में मदद करेगा
- प्रिंसिपल को फॉर्म की तीन प्रतियों की जरूरत है
- जॉब वर्क चालान का उपयोग तब भी किया जाता है, जब जॉब वर्कर प्रोसेसिंग के बाद प्रिंसिपल को सामान वापस लौटाता है।
- आप आगे के बदलावों के लिए डिलीवरी चालान प्रारूप को एक्सेल में डाउनलोड कर सकते हैं। आप इसे वर्ड फाइल में भी बदल सकते हैं।
निष्कर्ष
हमने डिलीवरी चालान के महत्व को और यह कैसे सभी जॉब वर्क कार्रवाई में स्पष्टता लाता है, इसे समझ लिया है। यह एक आवश्यक दस्तावेज भी है, जो रिकॉर्ड रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कारण प्रभावी डिलीवरी चालान बनाना जरूरी है। चालान को अधिक कुशल बनाने के लिए किसी को माल के विशिष्ट विवरण जैसे HSN कोड, टैक्सेबल अमाउंट और विवरण को शामिल करना होगा।