गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) भारत के कर ढांचे में सबसे ज्यादा विवादास्पद रहा है। जिसमें भारत के टैक्स स्ट्रक्चर को परिवर्तित किया गया है। भारत में जीएसटी लागू होने से पहले कर संरचना कई अलग–अलग प्रकार के करों का मिश्रण था, जिनमें कुछ को शहर के स्तर पर लगाया जाता था जो काफी समस्या पैदा करते थे और भ्रष्टाचार का स्रोत बनते थे। पहले के कर ढांचे का व्यापक प्रभाव था, जो की कर–पर–कर परिस्थिति का कारण बना, जो निगरानी के लिए पर्याप्त नहीं था। यह सारी प्रक्रिया उलझन भरी थी और इस तरह की जटिलता को बनाए रखने के लिए काफी खर्च करना पड़ता था। जीएसटी की वजह से काफी बदलाव आए और सिर्फ कर में विविध करों को शामिल किया गया, इससे देश में अधिक पारदर्शी कर व्यवस्था मुमकिन हो पाई है। सभी करों की तरह, कीमत और सामाजिक – आर्थिक व्यवस्था को ध्यान में रखकर विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिए अलग – अलग स्लैब है। भारत में जीएसटी दर एक गतिशील दर है जिसे आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार बदल दिया जाता है। भारत में जीएसटी दर को 37 वीं काउंसिल बैठक में संशोधित किया गया था। जीएसटी की संरचना सरल और सीधी है। जीएसटी प्रणाली में पांच स्लैब है, एक कर – मुक्त स्लैब, 5% स्लैब, 12% स्लैब, 18% स्लैब और 28% स्लैब। स्लैब को नीचे विस्तार से समझाया गया है।
कर मुक्त वस्तुएं :
सरकार ने देश की सामाजिक – आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार कुछ चीज वस्तुओं को जीएसटी कर प्रणाली से मुक्त करने का निर्णय लिया है। औसत करदाता के लिए रोज़मर्रा जिंदगी की चीजें जैसे की फल, सब्ज़ियाँ, रोटी, नमक, आटा और अखबार को करों से छूट दी गई है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत, जिस होटल के शुल्क एक दिन के 1 हजार से कम होते है, साथ ही बचत खातों और जन धन योजना पर बैंक शुल्क को जीएसटी से मुक्त किया गया है।
5% टैक्स स्लैब :
जीएसटी टैक्स की शुरुआत 5% टैक्स स्लैब से होती है। स्किम्ड मिल्क पाउडर, कोफी, मछली, कोयला, खाद, आयुर्वेदिक दवाएँ, इंसुलिन, काजू, अगरबत्ती, इथेनॉल – जैव ईंधन जैसे उत्पादों को 5% टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है। 5% टैक्स स्लैब में सेवाओं के अंतर्गत, छोटे रेस्तरां, रेलवे और हवाई यात्रा, एसी रेस्तरां, नॉन – एसी रेस्तरां और शराब परोसने वाली रेस्तरां को शामिल किया गया है। ‘टेक अवे (Take Away)’ फूड, जिस होटल का एक दिन का शुल्क 7,500 रूपये हो उसे भी इस स्लैब में शामिल किया गया है।
12% जीएसटी स्लैब :
12% जीएसटी स्लैब से फ्रोजेन माँस उत्पादों, मख्खन, सॉसेज, घी, आचार, फलों के रस, नमकीन, टूथ पाउडर, इंस्टेंट फूड मिक्स, छाता, दवा, सेल फोन, मानव निर्मित यार्ड, पेंटिंग के लिए लकड़ी के तख्ते, फ़ोटोग्राफ़, ब्रास केरोसीन प्रेशर स्टफ, लोहे के बर्तन, दर्पण जैसी चीज वस्तुएँ शामिल है। सेवाओं के अंतर्गत, बिज़नेस क्लास हवाई टिकट और 100 रूपये से कम मुवि टिकट पर भी लागू होता है।
18% जीएसटी स्लैब :
भारत में जीएसटी दर इस तरह से संरचित किया गया है की जिससे थोक बंद चीजें 18% जीएसटी स्लैब में आते हैं। चीनी, कॉर्नफ्लेक्स, पास्ता, पेस्ट्री और केक, डिटर्जेंट, धोने और सफाई के सामान, दर्पण, कांच के बने पदार्थ, सुरक्षा कांच, चादरें, पंप, प्रकाश फिटिंग, कंप्रेशर्स, पंखे, चॉकलेट, ट्रैक्टर, संरक्षित सब्ज़ियाँ, आइसक्रीम, टीवी (68 सेमी तक) शामिल है। कुछ अन्य चीजों में संगमरमर और ग्रेनाइट, पेंट, खुशबूदार स्प्रे, हेयर शेवर, लिथियम आयन बैटरी, कृत्रिम फल, हेयर कर्लर, हेयर ड्रायर, फर्श में इस्तेमाल होने वाले पत्थर, वैक्यूम क्लीनर, सैनिटरीवेयर, चमड़े के कपड़े, कलाई घड़ी, कुकर, स्टोव, कटलरी, दूरबीन, चश्मे, दूरबीन, तेल पाउडर, कोकोआ मक्खन, वसा, डिटर्जेंट और साथ ही कृत्रिम फूल शामिल है। 18% कर स्लैब सेवा क्षेत्र के कुछ समूहों पर लागू होता है। होटल के अंदर स्थित रेस्तरां जो 7500 रूपये से अधिक शुल्क वसूलते है, 100 रूपये से ज्यादा शुल्क की मुवी टिकट, आईटी और दूरसंचार सेवाओं के साथ-साथ ब्रांडेड वस्त्र भी इस स्लैब में शामिल है।
28% जीएसटी स्लैब
28% GST स्लैब भारत में सबसे अधिक GST दर है। यह मुख्य रूप से लक्जरी वस्तुओं के लिए आरक्षित है। पान मसाला, डिशवॉशर,ताेलने की मशीन, पेंट, सीमेंट, सनस्क्रीन भी इस स्लैब में शामिल है। हेयर क्लिप के साथ – साथ ऑटोमोबाइल और मोटरसाइकिल भी इस स्लैब का हिस्सा हैं, जो कि विवाद का एक हिस्सा भी है क्योंकि ऑटो उद्योग वर्तमान में मंदी के दौर से गुज़र रहा है। 28% GST की दर 5-सितारा होटलों पर भी लागू होती है, जहाँ होटल में ठहरने की वास्तविक बिलिंग राशि रु 7500 से अधिक है, मूवी टिकट, कैसीनो में सट्टेबाज़ी के साथ-साथ रेसिंग भी इस स्लैब में शामिल है। 37 वीं जीएसटी परिषद ने जीएसटी कर की दर में कुछ संशोधन जारी किए और जो नीचे दिए गए हैं। 37 वें जीएसटी काउंसिल के मुख्य निर्णय :
- जिस होटल रूम के शुल्क 1 हजार रूपये से कम है उन पर जीएसटी लागू नहीं किया जाएगा ।
- अर्धसैनिक बलों के लिए समूह बीमा योजनाओं के लिए जीएसटी नहीं।
- निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गहनों के निर्यात पर जीरो जीएसटी ।
- कट और पॉलिश अर्ध कींमती स्टोन पर टैक्स दर 3% से 0.25% तक कम कर दिए गए हैं।
- हीरे से जुड़ी नौकरी सेवाओं के लिए जीएसटी दर 1.5% कर दिए गए हैं जो पहले 5% थे।
- इंजीनियरिंग उद्योग के लिए मशीनिंग काम पर 12% जीएसटी दर जो पहले 18% थे।
- पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
कैफीनयुक्त पेय पदार्थों के जीएसटी दर पहले 12% थे जिसमें 12% मुआवजा उपकर लगाकर 28% कर दिया गया है। जीएसटी प्रणाली भारत में नई होने के करण अभी भी टैक्स दर पर काम चल रहा है। ऐसी कई चीजें है जो कर ढांचे को तय करते समय सामने आती है। चूंकि भारत अभी भी एक विकासशील देश है, इसलिए 28% जीएसटी स्लैब विवाद का एक कारण बना हुआ है। कुछ लोगों की शिकायत थी की देश के दीर्घकालीन विकास के लिए उच्च कर दर अच्छी नहीं है। अभी के लिए यह